पृथ्वी और पहले बीज के सृष्टि से भी पहले परिशुद्ध कुंवारी मरियम ने प्रभु पिता से जन्म लिया।
क्या परिशुद्ध माँ आदम की संतान हैं?
प्रभु के पुत्र जो प्रभु वचन है (योहन 1/1-5) परिशुद्ध माँ के गर्भ में वचन के रूप में आएं, न कि शरीर के साथ। तब प्रभु पिता के शरीर और रक्त में उनकी भागीदारी नहीं थी। बीज स्वयं वचन था (लूका 1/28) प्रभु का वचन स्पष्ट रूप से घोषणा करता है कि प्रभु का वचन अवतरित हुआ और देहधारण किया (योहन 1/14, इब्रा. 2/14)। प्रभु पिता का वचन जो गेब्रियल (लूका 1/28) के माध्यम से कहे गए, वह परिशुद्ध मां के विश्वास के द्वारा ही उनमें अवतरित हुए। प्रभु के पुत्र ने परिशुद्ध मां के गर्भ में ही मांस धारण किया, अपना शरीर प्राप्त किया। इस प्रकार प्रभु पिता ने हमें परिशुद्ध माँ के विश्वास के द्वारा प्राप्त हुए रक्त के माध्यम से हमारे पापों का प्रायश्चित किया (रोम. 3/26)। प्रभु के पुत्र – यानी वचन – को परिशुद्ध मरियम के शरीर और रक्त में सहभागिता मिलने से उन्हें प्रभु पिता के शरीर और रक्त में भागीदारी मिली (इब्रा. 2/14), जबकि प्रभु के बच्चों को यह भागीदारी आदम के माध्यम से प्राप्त हुई (प्रेरित चरित 17/26). परन्तु आदम के पाप के कारण आदम की सारी संतति का शरीर और लहू अशुध्द हो गया और मृत्यु का गुलाम बन गया। लेकिन येशु क्रिस्त का शरीर परिशुद्ध होना चाहिए, इसलिए परिशुद्ध शरीर और रक्त प्राप्त करने के लिए उन्होंने परिशुद्ध माँ के शरीर और रक्त में भाग लिया।
हम येशु क्रिस्त के शरीर और रक्त के बलिदान के माध्यम से अपने पापों से मुक्ति प्राप्त करते हैं (1 योहन 1/8, यशाया 53/4-5)। येशु क्रिस्त के द्वारा स्वर्ग का मार्ग खुला, जो उनका शरीर था (इब्रा. 10/19-20)। यदि येशु क्रिस्त का शरीर और रक्त परिशुद्ध नहीं होता, यदि उनके शरीर और रक्त में हमारी भागीदारी नहीं होती, तो हममें से कोई भी हमारे पापों से मुक्ति प्राप्त नहीं कर पाता। क्योंकि, कोई भी शरीर और रक्त जो मृत्यु और पाप के नियम के अधीन है, मनुष्य के पापों का परिहार नहीं कर सकता। प्रभु पिता की उपस्थिति में प्रस्तुत की गई बली दोषरहित होना चाहिए। यदि परिशुद्ध माँ आदम की संतान होती, तो उनका शरीर और रक्त भी अशुद्ध होता और मृत्यु के नियम के अधीन होता। क्योंकि प्रभु का वचन साक्ष्य देता है कि एक मनुष्य (आदम) के द्वारा पाप और मृत्यु संसार में आई, और जब सब लोगों ने पाप किए, तो मृत्यु सब में फैल गई (रोमियों 5/12, 5/17)।
प्रभु के सभी बच्चे आदम में सृष्ट किए गए (प्रेरित चरित
17/26)। इसलिए आदम के पाप के कारण, सभी मनुष्य अपनी माँ के गर्भ में रूप प्राप्त करते
से पहले ही पापी बन गए (भजन. 51/5)।
यदि परिशुद्ध माँ आदम की संतान होती तो येशु क्रिस्त का शरीर और रक्त भी पापमय होता।
परन्तु येशु क्रिस्त में पाप नहीं था और पाप के अलावा उन्होंने हमारा ही सादृश्य धारण
किया।
निष्कलंक या निर्मल होने का अर्थ है कि रक्त से या शरीर की अभिलाषा
से या मनुष्य की इच्छा से नहीं, बल्कि प्रभु से पैदा होना (योहन 1/13)। यह वह
आदम को मिट्टी से बनाया गया था। अर्थात सभी मनुष्य मिट्टी से बने हैं। लेकिन परिशुद्ध माँ का जन्म इस धरती या यहां तक कि रेत के पहले कण के निर्माण से भी पहले प्रभु पिता
से हुआ था (नीतिवचन 8/22-30)। परिशुद्ध माँ की आत्मा न्यान की आत्मा है। प्रभु का वचन
ज्ञान की आत्मा की विशेषताओं का वर्णन करता है (ज्ञान. 7/23-30)। ये विशेषताएँ किसी
भी इंसान पर लागू नहीं होतीं, जो आदम की संतान है। बल्कि ये विशेषताएँ दैविक हैं।
इस प्रकार, पूरा बाइबल यह साक्ष्य देता है कि परिशुद्ध निष्कलंक है!
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