प्रभु पिता

अनन्त जीवन यह है, कि वे आप अद्वैत सच्चे प्रभु गॉड को और येशु क्रिस्ट को, जिसे आपने भेजा है, जाने।

प्रभु पिता

येशु क्रिस्ट स्पष्ट रूप से पिता के बारे में सिखाते है

और अनन्त जीवन यह है, कि वे आप अद्वैत सच्चे प्रभु गॉड को और येशु क्रिस्ट को, जिसे आपने भेजा है, जाने। (योहन 17:3)

प्रभु पिता को किसी ने कभी नहीं देखा, एकलौता पुत्रा जो पिता के साथ है, उसी ने उन्हें प्रगट किया। (योहन 1:18)

मेरे पिता ने मुझे सब कुछ सौंप दिया है; और कोई नहीं जानता कि पुत्र कौन है, केवल पिता और पिता कौन है यह भी कोई नहीं जानता, केवल पुत्र के और वह जिस पर पुत्र उन्हें प्रकट करना चाहे। (लूका 10:22)

चित्रों को दिखाकर येशु क्रिस्ट ने अपने पिता को प्रकट नहीं किया, बल्कि प्रभु वचन के माध्यम से। प्रभु पिता का यथार्थ 'चित्र' वह है जिसे परिशुद्ध आत्मा उस व्यक्ति के हृदय में प्रकट और प्रकाशित करते है जिसमें परिशुद्ध आत्मा निवास करते है जब वह व्यक्ति प्रभु पिता का वचन सुनता या पढ़ता है।

प्रभु पिता के वचनों को समझने के लिए, हमें न्यान प्राप्त करने की आवश्यकता है। (मत्ती 13:9, दानिय्येल 12:8-10) चूँकि प्रभु पिता का वचन परिशुद्ध आत्मा की प्रेरणा से लिखा गया है, उसी परिशुद्ध आत्मा को इसे पढ़ना चाहिए ताकि हम उनके वचनो का वास्तविक अर्थ जान सकें (यानी प्रभु पिता उस वचन के माध्यम से क्या बताना चाहते है) (यशा. 34:16)। हम सत्य की पूर्णता तक तभी पहुंचते हैं जब हम सत्य की आत्मा प्राप्त करते हैं (योहन 16:13-14)। सत्य प्रभु पिता का वचन है (योहन 17:17)। जब प्रभु पिता के बच्चों को प्रभु वचन की परिपूर्णता की ओर ले जाया जाएगा केवल तभी वे प्रभु को पूरी तरह से जानेंगे। यह केवल युगों के अंत में संभव होगा।

मुझे तुम से और भी बहुत सी बातें कहनी हैं, परन्तु अभी तुम उन्हें सह नहीं सकते। जब वह अर्थात सत्य का आत्मा आएगा, तो तुम्हें सब सत्य का मार्ग बताएगा, क्योंकि वह अपनी ओर से न कहेगा, परन्तु जो कुछ सुनेगा, वही कहेगा, और आनेवाली बातें तुम्हें बताएगा। (योहन 16:12-13)

जब इस धरती पर प्रभु के पुत्र की महिमा होती है तो प्रभु पिता हमें सत्य की आत्मा प्रदान करते हैं। प्रभु के पुत्र को उनके पहले आगमन में महिमान्वित नहीं किया गया, बल्कि उनहोने प्रभु पिता को महिमान्वित किया था। पुत्र को इस धरती पर केवल उनके दूसरे आगमन में ही महिमा मिलेगी।

मैं ने ये बातें तुम से दृष्टान्तों में कही हैं, परन्तु वह समय आता है, कि मैं तुम से दृष्टान्तों में और फिर नहीं कहूंगा परन्तु खोलकर तुम्हें पिता के विषय में बताऊंगा। (योहन 16:25)

अपने पहले आगमन में, येशु क्रिस्ट ने अपने पिता के बारे में केवल दृष्टांतों में बात की थी। उन्होंने घोषणा की कि जब वे इस धरती पर दोबारा आएंगे तो अपने पिता के बारे में स्पष्ट रूप से बतायेंगे।

किन्तु हमें पता हैं, कि प्रभु गॉड का पुत्र आ गया है और उन्होंने हमें समझ दी है, कि हम उन सच्चे को पहचानें, और हम उनमें है जो सत्य है, अर्थात् उनके पुत्र येशु क्रिस्ट में। सच्चा प्रभु गॉड और अनन्त जीवन वाह ही है। (1 योहन 5:20)

इसका यह अर्थ है, क्यूंकि अब हम प्रभु पिता को स्पष्ट रूप से और यथार्थ में जानने लगे हैं, यह इस बात का सबसे बड़ा प्रमाण है कि प्रभु का पुत्र फिर से इस धरती पर शरीर धारण करके आ चूकें है।

प्रभु का भय मानना न्यान का आरम्‍भ है, और परिशुद्ध गॉड को जानना ही यथार्थ समझ है। (नीतिवचन 9:10)

प्रभु पिता का एक नाम है और केवल येशु क्रिस्त ही इस परिशुद्ध नाम को अपने भाइयों और बहनों के सामने प्रकट कर सकते हैं और करेंगे। (यशा. 52:6, इब्रा. 2:12) अब हम प्रभु पिता के वचन के माध्यम से प्रभु पिता का नाम जानते हैं! अब हमें उनके कार्यों के बारे में पता चला है! देखो, हमें सत्य की परिपूर्णता की ओर ले जाया जा रहा है!

हम जानते हैं कि प्रभु के पुत्र आ चुके है और उन्होंने हमें समझ दी है ताकि हम उन्हें, प्रभु पिता, को जान सकें जो एकमात्र सत्य प्रभु है!

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प्रभु के पुत्र जो प्रभु वचन है परिशुद्ध मां के गर्भ में वचन के रूप में आएं, न कि शरीर के साथ। तब प्रभु पिता के शरीर और रक्त में उनकी भागीदारी नहीं थी।

यथार्थ मुक्ति संपूर्ण व्यक्ति की मुक्ति है, जिसमें शरीर, मन और आत्मा शामिल है।

वह अपनों के पास आया, और उसके अपने लोगों ने उसे स्वीकार नहीं किया। परन्तु जितनों ने उसे स्वीकार किया, और उसके नाम पर विश्वास किया, उन सभों को उसने प्रभु की सन्तान बनने का सामर्थ दिया (योहन १:११-१२)।

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