सियोन वह झुंड है जिसे प्रभु पिता ने संसार की सृष्टि से पहले चुना है। उस झुंड के रूप में जो प्रभु पिता के पुत्र की समानता के अनुरूप होने के लिए नियत है।
विश्वास और सियोन
सियोन वह झुंड है जिसे प्रभु पिता ने संसार की सृष्टि
से पहले चुना है (रोमियों ८:३०)। उस झुंड के रूप में जो प्रभु पिता के पुत्र की समानता
के अनुरूप होने के लिए नियत है (इफिसियों १:४; रोमियों ८:२९), सियोन प्रभु पिता के
सभी लिखित वचनों के लिए आमेन कहता है।
सियोन
एक अवधि (युग) में रहता है जिसे आज कहा जाता है (इब्रानियों ३:१३)। समय के चिन्हों (मत्ती २४:३२-३४) से हम जानते
हैं कि ये अंतिम दिन हैं। सियोन को प्रभु पिता
के द्वारा कान दिए गए हैं। प्रभु पिता के राज्य का सुसमाचार
उन लोगों को दिया जाता है जिनके पास कान
हैं (मरकुस ४:९; लूका ८:८; प्रकाशना २:७, प्रकाशना ३:६, प्रकाशना १३:९)। दिव्य ज्ञान यह कान है| यह कान दुनिया की आवाज से प्रभु गोड
की आवाज को परखने का उपहार देता है। क्योंकि
सियोन को प्रभु गोड का स्वर परखने का
और उनके स्वर पर विश्वास करने के लिए एक नए हृदय की योग्यता दी गई है (यहेजकेल ३६:२६),
इसलिए इसे एम्मानुएल द्वारा कलीसियाओं से बाहर निकाला गया है, जहाँ व्यवस्था सर्वोच्च
शासन करती है (यूहन्ना १०:४)। इस झुंड को परिपूर्ण बनने के लिए बुलाया गया है (इब्रानियों
११:३९-४०) इससे पहले कि सभी कुलपिता, जिन्हें प्रभु पिता द्वारा धर्मी (नीतिमान) बनाया
गया था, पूर्णता प्राप्त कर लें। अब सिय्योन
झुंड प्रभु गोड के अनुभव के मरुभूमि में पहुँच गया है। दूसरे शब्दों में कहे , सियोन अब दूसरे निर्गमन में है। सियोन जिसे सभी लोगों
की तुलना में अधिक सुंदर विरासत की प्रतिज्ञा दी गई है (यिर्मयाह ३:१९), अन्य सभी लोगों
की तुलना में अधिक बड़ा विश्वास (का मालिक है) रखता है।
सियोन का विश्वास (मान्यताएं) क्या हैं?
सियोन विश्वास करता है और सुसमाचार की घोषणा करता है कि येशु मसीह, प्रभु का पुत्र और एकमात्र मुक्तिदाता है, जो शरीर धारण कर इस संसार में फिर से आ गए है (१ यूहन्ना ४:२, यिर्मयाह १४:८_९)। उनका नाम एम्मानुएल है (यशायाह ७:१४) और वह संसार का न्याय करेंगे और प्रभु पिता की नीति को पूरा करेंगे (यशायाह ४२:२-४)। केवल एक व्यक्ति, जिसके पास प्रभु पिता की आत्मा है, यह दावा कर सकता है कि येशु मसीह अपने शरीर में फिर से आ गए है (१ यूहन्ना ४:२)। जब येशु मसीह २००० साल पहले इस दुनिया में आए थे, तो वह शरीर के साथ नहीं आए थे, बल्कि वह प्रभु के वचन की आत्मा के रूप में आए थे (लूकस १:२८)। परिशुद्ध मां के विश्वास के द्वारा, उसने उनके गर्भ में मांस धारण किया (यूहन्ना १:१४; रोमियों ३:२६)। लेकिन वह शरीर धारण करने के बाद अब दूसरी बार आए है (१ यूहन्ना ४:२)। सियोन का विश्वास है कि उसने प्रभु के सभी बच्चों को एक साथ लाकर अपनी प्रकाश की सभा की स्थापना की है, जो संसार की सृष्टि से पहले प्रभु पिता द्वारा उसे दी गई प्रकाश की सन्तान हैं (१ थेसालोनिका ५:५) हैं (इफिसियों १:४; यूहन्ना ६:३९) जो उसके अपने भाई हैं (इब्रानियों २:११) उसकी आत्मा के माध्यम से (जकारिया १०:८-१०; यहेजकेल ३६:२४-२७)। सियोन इस विश्वास का दावा करता है कि एम्मानुएल उद्धारकर्ता (मुक्तिदाता) के रूप में (स्वयं को प्रकट करेगा), प्रभु के राज्य के राजाओं का राजा (चक्रवर्ती) सियोन के पास आएगा (यशायाह ५२:२; यशायाह ५९:२०; इब्रानियों ९:२८)। सियोन स्वीकार करता है कि जो लोग उन पर और अनन्त जीवन के उसके जीवन देने वाले वचन (यूहन्ना ६:६३) में विश्वास करते हुए मर गए, वे पुनरुत्थान करेंगे और सियोन मे एक स्वर्गीय शरीर के साथ आएंगे (१ थेसालोनिका ४:१६)। सियोन के शेष लोग अपरिमय स्नेह, कृपा और शक्ति से भरे होंगे और उनकी समानता में परिवर्तित हो जाएंगे (१ थेसालोनिका ४:१७; फिलिप्पियों ३:२०-२१; १ कुरिन्थियों १५:५२)।सियोन परिवार विश्वास करता है कि प्रभु पिता अपने बच्चों से मिलने आएंगे (आमोस ४:१३, १ यूहन्ना ३:२)।सियोन आशा और विश्वास करता है कि सियोन झुंड प्रभु पिता को वैसे ही अपनी नग्न आँखों से देखेंगे जैसा की वह वास्तव में हैं और जब वह अपने बच्चों से मिलने आएंगे तो वे लोग वेसे ही बन जायेंगे (१ यूहन्ना ३:२-३; १ कुरिन्थियों १३:१२)। सियोन का मानना है कि एम्मानुएल सभी नियमों, शक्तियों और अधिकार को समाप्त कर देगा और राज्य प्रभु पिता को सौंप देगा (१ कुरिन्थियों १५:२४)। सियोन का दावा है कि एम्मानुएल हमें अपने साथ हमारे वास्तविक घर, स्वर्गीय सिय्योन (भजन संहिता ८७:५; फिलिप्पियों ३:२०; यूहन्ना १४:३), स्वर्गीय नगर में ले जाएगा जिसकी हम प्रतीक्षा कर रहे हैं (इब्रानियों ११:१०, इब्रानियों १३:१४, प्रकाशन २२:१९), जिन घरों को उसने हमारे लिए तैयार किया है (यूहन्ना १४:२)। सिय्योन यह भी विश्वास करता है कि यह पृथ्वी और वह सब कुछ जो प्रभु गोड के वचन के द्वारा सृष्ट और बनाए रखा गया था, पूरी तरह से नष्ट हो जाएगा जब प्रभु गोड का वचन उनसे हटा लिया जाएगा (२ पतरस ३:१०)।
सियोन
बड़े उत्साह के साथ विश्वास करता है कि परिशुद्ध माँ परिशुद्ध ज्ञान की माँ है (प्रज्ञा
६:१३; प्रज्ञा ८:४; प्रज्ञा ९:९), और
यह इस ज्ञान के माध्यम से है कि हम वचन के सही अर्थ को समझते हैं और यह कि वचन प्रशोबित है। सियोन स्वीकार करता है कि परिशुद्ध
मरियम सभी मुक्तिदायक कार्यों में पिता की राजदूत है, और
सियोन येशु मसीह के बारे में परिशुद्ध शास्त्र में लिखे गए सभी दिव्य रहस्यों और उन सभी मुक्तिदायक कार्यों में विश्वास करता है जिन्हें उन्होंने अपने पहले आगमन में पूरा किया और अपने दूसरे आगमन में पूरा करेंगे। सियोन प्रभु गोड के उन सभी वचनों में विश्वास करता है जो पूरे हो चुके हैं, पूरे किए जा रहे हैं और पूरे किए जाएंगे। सियोन प्रभु गोड के सभी कार्यों में और उस व्यक्ति में विश्वास करता है जिसे प्रभु गोड के द्वारा भेजा गया है। समय के सभी चिन्हों को जो पिता की गवाही हैं,सियोन द्वारा स्वीकार किए जाते हैं (लूका २४:४४_४६)। सियोन के झुंड के ह्रदय तब जलते हैं जब वे प्रभु गोड का वचन सुनते हैं। केवल उन लोगों के हृदय जो विश्वास करते हैं और खोले जाते हैं, उत्साह से जलते हैं और केवल तभी जब मन प्रभु के पुत्र द्वारा खोला जाता है तो कोई प्रभु के वचन को समझ और विश्वास कर सकता है (लूका २४:३२, लूका २४:४५)। सियोन का मानना है कि प्रभु गोड के वचन में शक्ति है (मरकुस १२:२४)।
सियोन स्वीकार करता है कि वह सब प्रभुत्व और महिमा जो प्रभु पिता ने अदन की वाटिका में अपने बच्चों को दी थी, उसे पुनस्तापित किया जाएगा (यिर्मयाह २९:११-१४)। येशु मसीह, अंजीर के पेड़ को फलदायी न होने के लिए शाप देने के बाद, घोषणा करता है कि उसके शिष्य अपने विश्वास के माध्यम से उससे बड़ा कार्य करेंगे (मत्ती २१:१८-२२)। सियोन का मानना है कि प्रभु गोड के बच्चे इस महिमा (भाग्य) की पुनस्तापना के माध्यम से हर समय फल पैदा करने के लिए सभी फलों के पेड़ों को बना सकते हैं। सियोन का मानना है कि एक पहाड़, जहां वे रहते हैं, स्थानांतरित करने और समुद्र में रखने का आदेश दिया जाएगा। सियोन का मानना है कि यह येशु मसीह द्वारा की गई एक भविष्यवाणी थी। सिय्योन झुंड, जो प्रभु के वचन की शक्ति का अनुभव कर रहे हैं, उनके लिए, इस कार्य में विश्वास करना कोई समस्या नहीं है।
सियोन का मानना है कि जिस तरह हनोक (उत्पत्ति ५:४) और एलिय्याह (२ कुरिन्थियों २:११) को मृत्यु का अनुभव किए बिना उठाया गया था, उसी तरह सियोन झुंड को भी मृत्यु का स्वाद चखे बिना स्वर्ग में ले जाया जाएगा। मूसा की मृत्यु के बाद उसके शरीर को ले जाना प्रभु की सन्तान के पुनरुत्थान का एक प्रतीकात्मक कार्य था (यहूदा १:९)। जब येशु मसीह ताबोर पर्वत पर रूपांतरित हुआ, तो उनमें से एक को जीवित (एलिय्याह) स्वर्ग में ले जाया गया और जिसे पुनरुत्थान दिया गया (मूसा) को नीचे लाया गया।
सियोन स्वीकार करता है कि सभी सियोन झुंड को मुक्ति के लिए सुरक्षित रूप से संरक्षित किया जाएगा जिसे अंत के दिनों में प्रकट होने के लिए तैयार किया गया है - आज – प्रभु की शक्ति के द्वारा इसी विश्वास के माध्यम से (१ पतरस १:५)। सियोन का मानना है कि इस विश्वास की परीक्षा ली जाएगी और सियोन झुंड जो इन परीक्षाओं का सामना करेगा, उसे एम्मानुएल की प्रशंसा प्राप्त होगी जो खुद को अपनी महिमा के साथ प्रकट करेगा (१ पतरस १_७)।
इसलिए,
सुसमाचार की प्रत्याशा से विचलित न होकर, सियोन दृढ़ रहता है और विश्वास में दृढ़ बोध
रखता है (कुलुस्सियों १:२३)।
सियोन
दोनों पंथों को स्वीकार करता है।
सियोन क्रीड
मैं अपने पिता, परिशुद्ध और स्वर्ग और पृथ्वी के प्रभु में मैं विश्वास करता हूं। उनके एकलौते पुत्र जो मानव पुत्र की तरह इस पृथ्वी पर दोबारा शरीर धारण करके आए हैं, राजाओं के राजा और नाथों के नाथ मुक्तिदाता एम्मानुएल में मैं विश्वास करता हूं। सब कार्य हमें सीखने वाले और याद कराने वाले सहायक परिशुद्ध आत्मा में मैं विश्वास करता हूं। अनश्वर और उत्कृष्ट स्नेह की, भक्ति की, ज्ञान की विशुद्ध प्रत्याशा की और हमारी भी मां परिशुद्ध कुंवारी मरियम में मैं विश्वास करता हूं। आने वाले कार्यों को बताकर सत्य की पूर्णता तक हमें पहुचाने वाले सत्य के आत्मा में मैं विश्वास करता हूं। परिशुद्ध ज्ञान की आत्मा में मैं विश्वास करता हूँ। सत्य के वचन में, सत्य प्रवाचको के आगमन में और प्रकाश की सभा में मैं विश्वास करता हूँ। उनके पुत्र के प्रत्यागमन में हमें प्राप्त होने वाली अपरिमेय स्नेह, अपरिमेय कृपा और अपरिमेय शक्ति में मैं विश्वास करता हूं। युगो के अंत, शरीर के रूपांतरिकरण और नए स्वर्ग और नई पृथ्वी में मैं विश्वास करता हूँ जहाँ नीति निवास करती है। पिता के द्वारा तैयार किए गए अनश्वर नगर में और पिता के साथ व्यतीत करने वाले अनंत जीवन में मैं विश्वास करता हूं। आमेन।
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